अब सर्जरी नहीं दवाई से भी मोतियाबिंद का इलाज संभव, जानिए कैसे
मोतियाबिंद क्या होता है?
मोतियाबिंद (Cataract) एक आँख की बीमारी है जो आँख के लेंस के क्षतिग्रस्त हो जाने से होती है। इसमें लेंस का सफेद हिस्सा धुंधला हो जाता है, जिससे रोशनी को ठीक से पहचानने में परेशानी होती है। यह बीमारी अक्सर उम्र बढ़ने के साथ होती है, लेकिन कई अन्य कारकों जैसे कि अवसाद, रायडियेशन, धूप के लंबे समय तक अवधि में रहना, धूप की चमक आदि के कारण भी हो सकती है। मोतियाबिंद का उपचार सामान्यतः कैटरैक्ट सर्जरी द्वारा किया जाता है, लेकिन मोतियाबिंद खत्म करने की दवा है? या क्या मोतियाबिंद का इलाज आई ड्रॉप से किया जा सकता है? उससे पहले आइये जानते हैं मोतियाबिंद के कारण और लक्षण।
मोतियाबिंद के कारण
मोतियाबिंद के लक्षण
मोतियाबिंद आमतौर पर बहुत ही धीरे-धीरे विकसित होता है, और शुरुआत में इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। परन्तु जैसे जैसे उम्र बढ़ती है यह आपकी आंखों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण निम्लिखित हैं:
- रोशनी को धुंधला देखना या ज्यादा अंधेरा महसूस करना
- बुजुर्गों में निकट दृष्टि दोष में लगातार बढ़ोतरी
- रंगों को देखने की क्षमता में कठिनाई होना
- रात में ड्राइविंग करते समय सामने से आती गाड़ी की हेडलाइट से आँखें चैंधियाना
- सूर्य की रौशनी में आँखें चैंधियाना
- दोहरी दृष्टि (डबल विज़न)
क्या मोतियाबिंद का इलाज आई ड्रॉप से किया जा सकता है?
सामान्यतः यह धारणा है कि मोतियाबिंद का इलाज केवल ऑपरेशन से ही संभव है, लेकिन जगत फार्मा द्वारा निर्मित आइसोटिन प्लस आई ड्रॉप्स मोतियाबिंद के इलाज में सहायक हैं। आइसोटिन प्लस आई ड्रॉप्स 100% आयुर्वेदिक आई ड्रॉप्स हैं जिसका नियमित उपयोग प्रारंभिक चरण के मोतियाबिंद का इलाज करने में मदद करता है। यह ड्रॉप्स लंबे समय तक डॉक्टरों द्वारा अध्ययन करके प्राकृतिक जड़ी बूटियों से बनाई गयी है । इस आई ड्रॉप का नियमित इस्तेमाल न केवल प्रारंभिक चरण के कैटरैक्ट बल्कि प्रारंभिक चरण की डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी गंभीर आँखों की बीमारी को ठीक करता है। मूलतः ये आई ड्रॉप्स रेटिना संबंधित सभी बीमारियों के इलाज में सहायक हैं। इसमें उपयोग होने वाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां निम्नलिखित हैं :
पुनर्नवा (Punarnava):
पुनर्नवा (Punarnava) एक आयुर्वेदिक औषधि है जो आँखों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होती है। इसमें मौजूद गुण आँखों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं और आँखों के आसपास की नसों को मजबूत कर सकते हैं। यह आँखों के चारों ओर के सूजन को कम करके आंतरिक संरचना को सुधारता है, जिससे आँखों की स्वास्थ्य में सुधार होता है।
अपमार्ग (Apmarg):
अपमार्ग (Apmarg) एक प्राचीन औषधीय पौधा है जो आँखों के लिए फायदेमंद होता है। यह एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर होता है, जो कीटाणुओं और फंगस को नष्ट कर सकते हैं और आँखों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इसका नियमित इस्तेमाल आँखों के रोगों और संक्रमणों से बचाव में मदद कर सकता है और आँखों को स्वस्थ और सुरक्षित रखने में सहायक होता है।
भृंगराज (Bhringraj):
भृंगराज (Bhringraj) एक प्रसिद्ध औषधीय पौधा है जिसका तेल या रस आँखों के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। इसका नियमित इस्तेमाल आँखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स आँखों के लिए लाभकारी होते हैं, जो आँखों के स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं और आँखों की रोशनी को बढ़ा सकते हैं। भृंगराज में प्रचुर मात्रा में आयरन भी होता है जो आँखों के लिए महत्वपूर्ण है। इसका नियमित इस्तेमाल आँखों को स्वस्थ और रोशनी से भरपूर रखने में मदद कर सकता है और आँखों की गर्मी और सूजन को भी कम कर सकता है।
टूथ भस्म (Tuth Bhasma):
टूथ भस्म (Tuth Bhasma) का नियमित उपयोग आँखों की रोशनी को बढ़ाने और मोतियाबिंद के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। टूथ भस्म में प्राकृतिक धातु और उपार्जन होते हैं, जो आँखों के लिए उत्तम मान्यता प्राप्त हैं। यह आँखों के लिए महत्वपूर्ण धातु जैसे कि सोना और चाँदी को प्रदान करता है, जो आँखों की स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।
पुदीना सत्त (Satva Pudina)
सत्त्व पुदीना आँखों के स्वास्थ्य के लिए उत्तम है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाले मेंथॉल के कारण यह आँखों को ठंडक प्रदान करता है और आँखों की सूजन को कम करने में मदद करता है। इसका नियमित उपयोग आँखों के लिए राहत और आराम प्रदान कर सकता है, खासकर जब आँखों में थकान और जलन की समस्याएं होती हैं।
निष्कर्ष
इसोटाइन प्लस आई ड्रॉप्स मोतियाबिंद के शुरुआती स्टेज को ठीक करने में सहायक हैं। ये ड्रॉप्स विभिन्न प्राकृतिक जड़ी बूटियों से बनी हैं और आँखों के स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करती हैं। इनका नियमित इस्तेमाल मोतियाबिंद के प्रारंभिक चरण में लक्षणों को कम करने और बीमारी को संभालने में सहायक है।
मोतियाबिंद के शुरुआती स्टेज में, लेंस के सफेद हिस्से में धुंधलापन और रोशनी की कमी आम होती है। इस चरण में, इसोटाइन प्लस आई ड्रॉप्स के नियमित इस्तेमाल से आंखों के स्वास्थ्य में सुधार होता है, जिससे लक्षणों में कमी आती है। ये आई ड्रॉप्स आँखों की मांसपेशियों को मजबूत करती हैं और रोशनी को बढ़ाने में सहायक होती हैं।
क्योंकि यह आई ड्रॉप्स आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से मिलकर बनी है, इसलिए ये आँखों के लिए सुरक्षित है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है।